
🟥 कानपुर से बड़ी राजनीतिक हलचल | MLC अरुण पाठक और IPS अंजलि विश्वकर्मा के बीच ग्रीनपार्क स्टेडियम में तीखी बहस – सुरक्षाकर्मियों के हथियार पर मचा बवाल
कानपुर। शहर के प्रतिष्ठित ग्रीनपार्क स्टेडियम में उस समय हंगामे जैसे हालात बन गए जब MLC अरुण पाठक और IPS अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा के बीच सुरक्षाकर्मियों के हथियार ले जाने को लेकर तीखी बहस हो गई। मामला उस समय गरमाया जब स्टेडियम में प्रवेश के दौरान MLC के निजी सुरक्षाकर्मियों को हथियार के साथ अंदर जाने से रोका गया।
घटना शनिवार देर शाम की बताई जा रही है, जब स्टेडियम में एक खास सरकारी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सुरक्षा के सख्त प्रोटोकॉल के तहत सभी आगंतुकों को बिना हथियार के ही प्रवेश की अनुमति थी। लेकिन जब MLC अरुण पाठक के सुरक्षाकर्मी हथियारों के साथ प्रवेश करने लगे, तो ड्यूटी पर तैनात महिला आईपीएस अंजलि विश्वकर्मा ने उन्हें रोक दिया।
यहीं से शुरू हुई कहा-सुनी, जो देखते ही देखते तेज बहस में तब्दील हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नेता जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने इसे “विधायकों का अपमान” बताते हुए नाराजगी जाहिर की। IPS अधिकारी ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए साफ कहा कि “नियम सबके लिए बराबर हैं।”
🔍 मामले के मुख्य बिंदु:
कार्यक्रम के लिए ग्रीनपार्क स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी
नियम के अनुसार, किसी को भी हथियार के साथ प्रवेश नहीं दिया जा रहा था
MLC के सुरक्षाकर्मी हथियार सहित प्रवेश करने लगे, जिसे रोकने पर हुआ विवाद
IPS अंजलि विश्वकर्मा ने सख्ती से नियमों का पालन करवाया
अरुण पाठक ने आपत्ति जताते हुए इसे सम्मान का मुद्दा बताया
👥 राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल
घटना के बाद प्रशासनिक अमले और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर इस बहस का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों पक्षों के तेवर स्पष्ट देखे जा सकते हैं। कुछ लोग IPS अधिकारी के निष्पक्ष और नियमबद्ध रुख की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे जनप्रतिनिधियों के अपमान के रूप में देख रहे हैं।
🗣️ पुलिस विभाग का रुख स्पष्ट
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से बताया कि,
“कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा के नियम पूर्व निर्धारित थे। कोई भी वीआईपी हो, नियमों में छूट नहीं दी गई। सभी को निर्देश पहले ही जारी किए गए थे।”
🔜 मामला उच्च स्तर तक पहुंचने के आसार
सूत्रों की मानें तो यह मामला अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच सकता है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसे लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो सकती है।
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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